वेट लॉस और फैट लॉस में होता है अंतर

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लगातार बढ़ता मोटापा इस समय दुनिया भर में प्रमुख स्वस्थ समस्याओं में से एक बना हुआ है. बिगड़ती जीवनशैली और खानपान में लापरवाही की वजह से कई लोग मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं. इसके अलावा ऑफिस में डेस्क वर्क की वजह से भी लगातार बैठे रहने के कारण शरीर में चर्बी जमा होने लगती है. ऐसे में लोग अपना वजन नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं. लेकिन वजन कम करने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि आपको वेट लॉस की जरूरत है या फैट लॉस की.

वजन कम करना

वेट लॉस का सीधा मतलब होता है शरीर का वजन कम करना. वजन घटाने के लिए बॉडी से मसल्स और वॉटर वेट को कम करना होता है. ऐसे में आप गए डाइट और ब्लूटेन फ्री टाइम से बॉडी का वेट कम कर सकते हैं, ऐसा करने से वजन के साथ ही शरीर के लिए जरूरी है उसका भी दो शरीर में मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई है.

बंद करने की प्रक्रिया

शरीर का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो बॉडी के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण होता है. लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है, तो शरीर में फैट यानी चर्बी बढ़ने लगती है. शरीर में जमा इस पैक को बंद करने की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है. को ना करते हुए मसल्स गैन करना है लॉस कहलाता है. चर्बी घटाने का सबसे आसान तरीका गैलरी डेफिसिट और हार्ड वर्कआउट है. अगर आप टोंड बॉडी बनाना चाहते हैं, तो उसके लिए शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करना चाहिए. आमतौर पर वेट लॉस हानिकारक माना जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में शरीर के पूरे वजन में से मसल्स, पानी, ग्लाइकोजन और फैट लॉस होता है. वही, बात करें फैट लॉस की तो इसमें शरीर में पहले से ही स्टोर हुए बॉडी फैट को कम किया जाता है.

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